गर्मी और बारिश ने बिगाड़ी मंडी की हालत, सब्जियों ने निकाले आंसू

News Desk
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Heat and rain worsened the condition of the market, vegetables brought tears

बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में बाढ़ और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसका सबसे ज्यादा असर एशिया की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी आजादपुर में देखने को मिल सकता है. इधर, पिछले कुछ दिनों में सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल आया है. थोक में जहां शिमला मिर्च शतक पार कर गई है, वहीं टमाटर भी 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. जबकि दूसरे शहरों में इसकी कीमत 90 रुपये के आसपास है. वहीं, हरी सब्जियों, आलू और प्याज की खुदरा कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है.

भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को नुकसान हुआ है

गर्मी के साथ-साथ बारिश और बाढ़ से फसल को नुकसान इसकी बड़ी वजह बताई जा रही है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में भीषण गर्मी के कारण टमाटर की आपूर्ति बाधित हुई है। आजादपुर मंडी के थोक विक्रेता अशोक कौशिक ने बताया कि गर्मी के कारण राजस्थान, हरियाणा, यूपी और मध्य प्रदेश के किसानों ने समय पर टमाटर नहीं काटा, वहीं अचानक आई बाढ़ और बारिश से उगाए गए टमाटरों को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में।

इस कारण आवक और कीमतों पर असर पड़ रहा है. बाजार में फिलहाल हिमाचल और दक्षिण भारत के श्रीनिवासपुर, चिंतामणि और कौलर से टमाटर आ रहे हैं। जिसके 25 किलो के लिए 1300-1450 रुपये किसानों को भुगतान किया जा रहा है. अगर बारिश और बाढ़ का असर इसी तरह रहा तो इनकी कीमत 2500-3000 रुपये तक पहुंच जाएगी.

हरि सब्ज़ी आंखों में आंसू ला रही हैं

बता दें कि टमाटर के अलावा हरी सब्जियां भी लोगों की आंखों में आंसू ला रही हैं. आजादपुर मंडी में शिमला मिर्च का थोक भाव 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. जबकि मंडी के बाहर खुदरा कीमत 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. ऐसे में थोक में धनिया पत्ती 100-150 रुपये प्रति किलो जबकि खुदरा में 40-50 रुपये प्रति 100 ग्राम बिक रही है.

बात अगर थोक में टमाटर की कीमत 50-90 रुपये के बीच है, जबकि खुदरा में यह 80-140 रुपये है और ऑनलाइन टमाटर की कीमतें 120-135 रुपये तक पहुंच गई हैं. भिंडी का थोक भाव 40-50 रुपये प्रति किलो है, जबकि खुदरा भाव 30-45 रुपये प्रति 250 ग्राम है. करेला, लौकी, लौकी, सीताफल जैसी सब्जियां थोक में 40-50 रुपये प्रति किलो हैं, जबकि खुदरा में 70-80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी हैं. इसके पीछे की वजह बाजार से सब्जियां लाने की ऊंची लागत है.

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