देश की राजधानी दिल्ली में जल संकट की समस्या बरकरार है. इस बीच शनिवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने हरियाणा की नायब सैनी सरकार पर पानी रोकने का आरोप लगाया है.
2 जून को मात्र 848 क्यूसेक पानी दिया गया
राज्य मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि पिछले 5 दिनों से पानी की मात्रा लगातार कम हो रही है. अगर हरियाणा से 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है तो कम से कम 1000 क्यूसेक पानी तो पहुंचेगा? पिछले कुछ दिनों में 1 जून को 924 क्यूसेक और 2 जून को मात्र 848 क्यूसेक पानी पहुंचा.
पानी नहीं मिला तो मच जाएगी अराजकता
हरियाणा की नहर से दिल्ली के 7 प्लांट में पानी जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पानी को लेकर पूरी दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है. जल मंत्री ने कहा कि अगर दिल्ली को पानी नहीं दिया गया तो पूरी दिल्ली में अराजकता मच जाएगी. सुप्रीम कोर्ट पानी की समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हिमाचल प्रदेश ज्यादा पानी देने को तैयार है, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रहा है और उसे छोड़ नहीं रहा है।
हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रही है
इससे पहले दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों के खिलाफ साजिश रच रही है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हरियाणा सरकार लगातार दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रही है।
इसकी वजह से वजीराबाद जलाशय का जलस्तर गिर रहा है। 2 जून को जलस्तर 671.3 फीट था और 7 जून को यह घटकर 669.7 फीट रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2 जून को जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, उसी दिन से हरियाणा ने दिल्ली की तरफ पानी छोड़ना कम कर दिया।
दिल्ली पानी की आपूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना नदी में सिर्फ वही पानी आता है जो हरियाणा से छोड़ा जाता है। पानी वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्र (WTP) में जाता है। जब हरियाणा से कम पानी छोड़ा जाएगा तो इसका असर WTP पर पड़ेगा। इससे पीने का पानी कम शोधित होगा। हरियाणा सरकार हिमाचल प्रदेश (Himachal News) से आने वाले पानी को दिल्ली तक पहुंचने में भी बाधा डाल रही है।