दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग ने हेल्पलाइन नंबर 181 का नियंत्रण ले लिया

Rohit Mehta
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Delhi Women and Child Development Department takes control of helpline number 181

दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) ने महिला हेल्पलाइन नंबर 181 का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। पहले यह दिल्ली महिला आयोग (डब्ल्यूसीडी) के नियंत्रण में था। बुधवार शाम 4:58 बजे हेल्पलाइन नंबर 181 से कंट्रोल रूम को सूचनाएं मिलनी शुरू हो गईं। गुरुवार दोपहर 2 बजे तक हेल्पलाइन पर कुल 1024 कॉल आईं।

दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “दिल्ली में महिलाओं की मदद के लिए स्थापित हेल्पलाइन नंबर 181 को डब्ल्यूसीडी की निगरानी में फिर से शुरू कर दिया गया है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर सूचना को पूरी सावधानी से लिया जाए और संकट में फंसी महिलाओं को समय पर और प्रभावी सहायता प्रदान की जाए।” उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार हिंसा, दुर्व्यवहार और अन्य समस्याओं से पीड़ित महिलाओं की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए समर्पित है।”

पहले हेल्पलाइन का प्रबंधन दिल्ली महिला आयोग करता था। लेकिन केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंप दी गई है। महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर हर महीने करीब 40 हजार कॉल आती हैं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दिल्ली सरकार ने दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन को बंद करके इसे खुद चलाने का जो फैसला लिया है, वह मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर से स्पष्ट है। यह हेल्पलाइन अब पुरुष चला रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “बलात्कार और मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए कॉल करने वाली लड़कियां लड़कों की आवाज सुनते ही फोन काट देंगी! वैसे भी, एक हेल्पलाइन को पांच लोगों से नहीं चलाया जा सकता!” मालीवाल ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन पर रोजाना दो से चार कॉल आती थीं, जिन्हें 45 महिला काउंसलर सुनती थीं। उन्होंने कहा कि उन सभी के पास सामाजिक कार्य या मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है। मालीवाल ने कहा कि हेल्पलाइन पर दिनभर में कम से कम 20 लड़कियां एक शिफ्ट में काम कर रही हैं और 136 महिला काउंसलर कॉल आने पर लड़कियों से संपर्क कर रही हैं।

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि सरकार की महिला हेल्पलाइन पहले की तरह ही डाकघर की तरह काम करेगी। उन्होंने कहा, “मामले पुलिस को भेजे जाएंगे। यही वजह है कि जब 2013 से 2016 तक दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में यह हेल्पलाइन चल रही थी, तब 70 फीसदी कॉल्स का निपटारा नहीं किया गया। यह फोटो दिखाती है कि यही स्थिति फिर से होने जा रही है।” मालीवाल ने आरोप लगाया, “महिलाओं के मुद्दे बहुत संवेदनशील हैं। इसे समझदारी से संभाला जाना चाहिए, जिद से नहीं। जो सिस्टम अच्छे से काम कर रहे हैं, उन्हें बंद नहीं किया जाना चाहिए और उन पर दिन-रात मेहनत करने वाली लड़कियों को बेरोजगार नहीं किया जाना चाहिए!”

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Rohit Mehta is an Indian blogger cum Freelance Journalist, Author and Entrepreneur. He is the founder of Digital Gabbar and many other knows brands.
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