एसटीपी ‘घोटाला’ जांच के सिलसिले में ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड पर छापा मारा

News Desk
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ED raids Delhi Jal Board in connection with STP ‘scam’ probe

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा कुछ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के विस्तार में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी के दौरान 41 लाख रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं।

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि 3 जुलाई को दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और हैदराबाद में कई जगहों पर छापेमारी की गई। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा यूरोटेक एनवायरनमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 10 एसटीपी के विस्तार और उन्नयन के नाम पर डीजेबी में घोटाला किया गया। इस काम से जुड़े चार टेंडर अक्टूबर, 2022 में कई संयुक्त उद्यम कंपनियों को दिए गए थे। ईडी के मुताबिक, एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि चार टेंडरों में सिर्फ तीन संयुक्त उद्यम कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

ईडी के अनुसार, दो संयुक्त उद्यमों को एक-एक टेंडर मिला, जबकि एक संयुक्त उद्यम को दो टेंडर मिले और तीनों संयुक्त उद्यमों ने आपसी सहमति से चार एसटीपी टेंडर में भाग लिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनमें से प्रत्येक को टेंडर मिले। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि टेंडर की शर्तें इस तरह से तैयार की गई थीं कि केवल कुछ चुनिंदा कंपनियां ही चार बोलियों में भाग ले सकें।

केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, “शुरू में तैयार किया गया लागत अनुमान 1,546 करोड़ रुपये था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया के दौरान इसे संशोधित कर 1,943 करोड़ रुपये कर दिया गया।” एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि तीनों संयुक्त उद्यमों को बढ़ी हुई दरों पर ठेके दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।

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