देश की राजधानी दिल्ली में सरकार के परिवहन विभाग ने राजधानी के ड्राइविंग स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी ड्राइविंग स्कूलों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रजिस्टर रखना, प्रशिक्षुओं की आधार-आधारित पहचान रखना और यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए मॉडल की मदद से व्याख्यान आयोजित करना अनिवार्य हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि ड्राइविंग स्कूल संचालकों ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की है, जिसके संबंध में 2015 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था, ऐसे में कोर्ट ने इस संबंध में विभाग को आदेश दिए थे।
अधिकारी ने यह कहा
अधिकारी ने बताया कि इसी के चलते यह फैसला लिया गया है। निर्णय के अनुसार, “केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 24 से 31 के तहत लाइसेंस देने या पंजीकरण के लिए आवेदन उस क्षेत्र के लाइसेंसिंग प्राधिकारी को किया जाएगा, जिसमें स्कूल और प्रतिष्ठान स्थित है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की उपधारा (20) में परिभाषित लाइसेंसिंग प्राधिकारी उस क्षेत्र का जिला परिवहन अधिकारी/मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी होगा, जिसमें स्कूल या प्रतिष्ठान स्थित है।”
दिशा-निर्देशों में परिवहन विभाग ने क्या कहा?
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि लाइसेंस धारक आधार-आधारित प्रणाली पर ड्राइविंग स्कूल में प्रशिक्षुओं का नामांकन करेगा और पोर्टल पर फॉर्म-14 में ड्राइविंग स्कूल में प्रशिक्षुओं के नामांकन को दर्शाने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक रजिस्टर बनाएगा। इसमें कहा गया है, “आवेदकों/प्रशिक्षुओं के विवरण के साथ सभी आवश्यक जानकारी मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालकों द्वारा एक ही समय में पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।” इसमें कहा गया है कि लाइसेंस देने/नवीनीकरण की प्रक्रिया परिवहन विभाग द्वारा विशेष रूप से डिजाइन किए गए पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में कम से कम 80 ड्राइविंग स्कूल हैं।