संपत्ति के लिए हत्या: पहले नीला थोथा मिलाकर पिलाई शराब, फिर एनेस्थीसिया के छह इंजेक्शन लगाए

राकेश ने नवंबर 2023 में मुरादाबाद में 20 करोड़ की संपत्ति खरीदी थी। इसे बेचने के लिए उसने राजू उपाध्याय के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई थी।

Amit Lal
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First he was made to drink alcohol mixed with blue vitriol, then he was given six injections of anesthesia

चार माह से लापता प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय के मामले में स्वाट टीम ने उसके साथी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। राजू ने मुरादाबाद में 20 करोड़ की संपत्ति पर कब्जे के लिए तीन साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या की है। 28 फरवरी की रात सभी ने दिलशाद गार्डन स्थित ऑफिस में बैठकर शराब पी थी। राकेश के नशे में होने पर आरोपियों ने उसकी शराब में नीला थोथा मिला कर बेहोशी के छह इंजेक्शन देकर उसकी हत्या कर दी। चारों ने क्रेटा कार से शव को गंग नहर में फेंक दिया। पुलिस ने मृतक की शर्ट, जूते, पर्स और कागजात बरामद किए हैं। मुख्य आरोपी राजू मृतक की पत्नी से मुकदमे की पैरवी भी करता था।

डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि घटना के मुख्य आरोपी राजू उपाध्याय निवासी यमुना विहार दिल्ली, उसके दोस्त अनुज गर्ग निवासी ब्रह्मपुरी, गांधीनगर एंबुलेंस चालक कृष्ण अग्रवाल और निजी केयर होम में नर्सिंग स्टाफ हरीश कुमार शर्मा निवासी कोतवाली देहात बुलंदशहर को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि राकेश ने नवंबर 2023 में मुरादाबाद में 20 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसे बेचने के लिए उसने राजू उपाध्याय के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी कराई थी। इस प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के लिए वह लालच में आ गया। उसने दिसंबर माह में उसकी हत्या की योजना बनाई थी। उसने अनुज को फ्लैट दिलाने का लालच दिया। उसके जरिए कृष्ण को भी नई एंबुलेंस दिलाने का लालच देकर योजना में शामिल कर लिया। वारदात के लिए उसने मुंबई से कोरियर से दो सिम मंगवाईं, जबकि दिल्ली गफ्फार मार्केट से दो फोन भी खरीदे। डीसीपी के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय ने एक मामले में दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया था।

26 फरवरी को राजू ने इसी केस के बहाने मुंबई के सिम से राकेश को कॉल किया और जान से मारने की धमकी दी। वह इतना शातिर है कि जब राकेश ने राजू को धमकी भरे कॉल के बारे में बताया तो उसने केस दर्ज कराने की सलाह भी दी। कुछ दिन बाद वह राकेश को दिल्ली कनॉट प्लेस ले गया। वहां उसने शराब में कोई नशीला पदार्थ मिला दिया, लेकिन शराब की बदबू का हवाला देकर उसने शराब नहीं पी और वहां से घर लौट आया। इसी बीच राजू से उसका पांच करोड़ रुपये को लेकर विवाद हो गया। 28 फरवरी 2024 को वह अधिवक्ता दीपक के साथ शिकायत दर्ज कराने डीसीपी ट्रांस हिंडन के दफ्तर गया। वहां से जब वह अधिवक्ता के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचा तो वापस आते समय रास्ते में राजू उपाध्याय से उसकी मुलाकात हुई। उसने उसे बातों में उलझा लिया और दिलशाद गार्डन स्थित अपने दफ्तर ले गया।

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