कथित शराब घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गिरफ्तारी याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। ईडी मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधानिकता से जुड़े सवालों को बड़ी पीठ के पास भेज दिया। कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी की शक्ति और नीति से जुड़े तीन सवालों पर फैसला सुनाया और कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के मुताबिक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।
कोर्ट ने यह तय नहीं किया कि ईडी मामले में गिरफ्तारी सही थी या गलत। ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल 90 दिनों से जेल में बंद हैं और उन्हें पता है कि वह एक चुने हुए नेता हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 मई को सीएम केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था। ये मामले दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित हैं जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया था।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया था कि हवाला के जरिए आम आदमी पार्टी (आप) को पैसे भेजे जाने के सबूत हैं। ईडी को मामले में अपराध की कथित आय के संबंध में केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच चैट भी मिली है। केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया था कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का बचाव करने के लिए ईडी द्वारा अब जिस सामग्री का हवाला दिया जा रहा है, वह उनकी गिरफ्तारी के समय मौजूद नहीं थी।