एशिया की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में शुक्रवार दोपहर दो कैदियों के बीच खूनी झड़प हो गई। जेल नंबर तीन में बंद एक अफगानी कैदी से खाने को लेकर हुए विवाद में दीपक सोनी नाम के कैदी को चाकूनुमा हथियार से हत्या कर दी। आरोपी ने हाथ से तैयार हथियार से दीपक के सीने पर वार कर दिया। झड़प के दौरान आरोपी और एक जेलकर्मी भी घायल हो गए। तीनों को डीडीयू अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने दीपक को मृत घोषित कर दिया।
मृत दीपक सोनी (29) शकूरपुर इलाके का रहने वाला था। उसे 2018 में पश्चिम विहार इलाके में लूटपाट के दौरान हुई हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह जेल नंबर तीन में बंद था। वह जेल में सेवादार का काम करता था। वहीं आरोपी की पहचान अफगानी निवासी अब्दुल बशीर अखोंदजादा (44) के रूप में हुई है। वह लाजपत नगर में फुटपाथ पर रहता था। 2019 में लाजपत नगर में हत्या के प्रयास के एक मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वह जेल नंबर तीन में बंद था।
जेल सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे दोनों कैदी एक वार्ड में मौजूद थे। इसी दौरान उनके बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। उसके बाद बशीर ने हाथ से बने हथियार से दीपक पर हमला कर दिया। उसके सीने पर चाकू लगने से वह अचेत हो गया। बावजूद आरोपी लगातार दीपक पर हमला कर रहा था। शोर शराबा होने पर वहां मौजूद क्यूआरटी की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को बड़ी मशक्कत के बाद काबू किया। हाथापाई के दौरान बशीर और एक जेल कर्मी भी घायल हो गए।
जेल कर्मियों ने तीनों को तुरंत डीडीयू अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टराें ने दीपक को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से मिली जानकारी के बाद वहां पहुंची पुलिस ने दीपक के शव को कब्जे में कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। शुरुआती जांच के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसी गैंगवार को लेकर हत्या नहीं हुई है। सुबह में दोनों कैदियों के बीच खाने को लेकर कुछ विवाद हुआ था। उसी बात को लेकर कहासुनी के बाद आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया।
जेल महानिदेशक ने किया जेल का निरीक्षण
तीस अप्रैल को संजय बेनीवाल के सेवानिवृत होने के बाद सतीश गोलचा को जेल का नया महानिदेशक बनाया गया है। उनके पदभार ग्रहण करते ही शुक्रवार को जेल नंबर तीन में कैदियों के बीच झड़प में एक कैदी की हत्या हो गई। जेल सूत्रों का कहना है कि घटना के बाद शाम में जेल महानिदेशक ने जेल नंबर तीन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेल के अधिकारियों से जेल के खामियों के बारे में जानकारी ली।
जेल में झड़प रोकने के लिए बनी थी क्यूआरटी टीम
तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया व प्रिंस की हत्या के बाद जेल प्रशासन ने क्यूआरटी टीम गठित की थी। टीम को ऐसे हथियार मुहैया करवाए गए थे, जिससे झड़प के दौरान वह कैदियों को काबू में कर सकें। साथ ही इस तरह की घटना दोबारा न हो सके। लेकिन शुक्रवार को हुई घटना ने एक बार फिर जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।