गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक ऐसा मामला आया, जिसमें पत्नी ने करीब दो वर्ष पहले पति के ‘अपहरण’ की साजिश रची. इस साजिश में पत्नी ने पति को शामिल कर लिया. दूसरी ओर पति के अपहरण का आरोप बिल्डर्स लगाकर उससे रुपये ऐंठने की कोशिश की. पति पहचान बदलकर छिपकर रहा रहा था. यूपी के इंदिरापुरम पुलिस ने अपहृत युवक की हरियाणा के पानीपत से सकुशल रिहाई कराकर पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया.
पुलिस के अनुसार अपहृत/अभियुक्त राजेश ने पूछताछ बताया गया कि मेरे द्वारा सेक्टर 1 वसुन्धरा मे फ्लैट को लेकर बिल्डर्स से विवाद चल रहा था, इसके लिए बैंक से लोन लिया गया था, जिसकी किस्त समय से नहीं देने के कारण बैंक ने फ्लैट सील कर दिया. मेरे ऊपर बैक का कर्जा होने के कारण पत्नी पुष्पा देवी की सलाह पर घर से गायब हो जाने तथा बिल्डर्स के विरुद्द स्वयं के अपहरण का मामला दर्ज कराने की योजना बनाई गई.
योजना के अनुसार 24 फरवरी 2022 को मैं पत्नी को जाने वाले स्थान के बारे मे बताकर निकल गया, जिसके बाद पत्नी द्वारा बिल्डर्स पर दबाब बनाने तथा उनके विरुद्द झूठा मामला दर्ज कराकर कार्रवाई का भय दिखाते हुए पैसे मागंने के उद्देश्य से मामला मार्च 2022 मे थाना इंदिरापुरम दर्ज कराया गया था. जब विपक्षी बिल्डर्स लोगों द्वारा मेरी पत्नी से इस सम्बन्ध मे बातचीत की गई तो पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत बिल्डर्स से पैसे मांगे गये तथा उनके विरुद्द लिखाये गये अभियोग में फैसले की बात की गई.
अपहृत राजेश मार्च 2022 से विभिन्न स्थानों पर अपनी पहचान छिपाते हुए नौकरी कर रहा था. पिछले 6 माह से कस्बा समालखा पानीपत स्थित इलेक्ट्रिक स्कूटी की एक एजेन्सी पर नौकरी कर रहा था. अपहृत राजेश को सकुश बरामद करते हुए तथा उससे पूछताछ के बाद अभियुक्त राजेश व पत्नी पुष्पा को गिरफ्तार मामला दर्ज कर लिया गया.