रेल का टिकट कन्फर्म कराने के नाम पर सरेराह ठगी को अंजाम देने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है। आरोपी संतोष (27), आशुतोष कुमार (26) और अफरोज अंसारी (37) को गिरफ्तार किया गया है। तीनों बिहार के सीतामढ़ी जिले से हैं। पुलिस ने इनसे 22 फोन और 25 डेबिड-क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी से ठगी के 11 केस सॉल्व हो चुके हैं। पुलिस पता लगा रही है कि गैंग ने अब तक कितने लोगों को ठगा है।
रेल यात्री से मिली थी गैंग की जानकारी
अडिशनल सीपी (क्राइम) संजय भाटिया ने बताया कि एएसआई उमेश कुमार को बिहार के रेलवे पैसेंजर्स से ठगी करने वाले गैंग के बारे में इनपुट मिले थे। ये खुद को ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) बता कर रेलवे टिकट कन्फर्म कराने का झांसा देते थे। इसके बाद पीड़ित का सामान और कैश लेकर फरार हो जाते थे। डीसीपी राकेश पावेरिया की देखरेख में एसीपी पंकज अरोड़ा, इंस्पेक्टर सुनील, अशोक और एसआई गोपाल की टीम ने 29 अप्रैल को गुड़गांव के इफ्को चौक से संतोष को दबोचा।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो अपने साथी राकेश पासवान और अफरोज के साथ मेट्रो में सफर करते समय टिकट कन्फर्म कराने के नाम पर एक शख्स से ठगी की थी। ये पीड़ित को एम्स के आसपास के एरिया में ले गए, जहां से उसका फोन, पर्स, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड और बैग लेकर भाग गए। पीड़ित को मोती बाग के पास रोड पर फेंक गए थे। आरोपियों को डेबिट कार्ड का पिन नंबर पीड़ित की जेब से मिली डायरी में मिला था। इससे पैसा निकाले और एलईडी समेत दूसरी घरेलू चीजें खरीद ली।
नया पिन करते थे जनरेट पुलिस ने संतोष से एक फोन बरामद किया। इसकी निशानदेही पर डाबड़ी से अफरोज को दबोच लिया, जो एटीएम से पैसे निकालते समय सीसीटीवी कैमरे में संतोष के साथ कैद हुआ था। पुलिस ने डाबड़ी से ही आशुतोष को पकड़ा। इससे अलग-अलग बैंकों के डेबिट कार्ड, दो पैन कार्ड, 11 फोन बरामद हुए। जांच में पता चला कि आशुतोष पीड़ितों के डेबिट कार्ड का नया पिन नंबर पर जनरेट कर खातों से पैसे निकालता था। विकास पुरी थाने में दर्ज केस में आरोपी ने करीब दो लाख रुपये निकाले थे।